मेरा दोस्त और उसकी बहन
मेरी कहानी की हर घटना सत्य होती हैं बस आप लोगो का अधिक से अधिक मनोरंजन करने के लिए मैं उसमे थोड़ा सा बदलाव करता हूँ। कहानी के बाद मेरे पास बहुत से मेल आते हैं जिनमें यही पूछते हैं कि क्या यह कहानी सच्ची है?
तो मैं आप लोगों को आगे की बात बताता हूँ !
तो हुआ यों कि मैं तो उस दिन चुदाई करके बहुत ही थक गया था क्योंकि मैंने पहली बार किसी की गाण्ड और चूत मारी थी फिर भी दिल नहीं भरा था। मैंने रात उनके घर पर उनके साथ ही गुजारी थी तो सुबह सुबह का समय था मुझे देरी से उठने की आदत है।
उस दिन मैं सोया हुआ था और राज और उसकी बहन उठ गए थे। वे लोग पिछली रात के बारे में बात कर रहे थे। मैं उनकी बात चोरी-छिपे सुन रहा था।
राज की बहन बोल रही थी- तेरा दोस्त तो काफी अच्छी चुदाई कर लेता है !
तो राज बोला- हाँ दीदी, मुझे भी कल मेरी गाण्ड मरवाने में मजा आ गया।
तभी उसकी दीदी ने कहा- तुम्हें तो गाण्ड नहीं मरवानी चाहिए क्योंकि जब कल मैंने रात को गाण्ड मरवाई तो मुझे काफी दर्द हुआ था और तुम तो एक लड़के होकर भी गाण्ड मरवाते हो?
उसने कहा- दीदी, दर्द तो होता है पर मजा भी तो आता ही है ना !दीदी बोली- हाँ, मजा तो आता है पर जो दर्द हम महसूस कर रहे हैं उस दर्द को इसे भी महसूस करना होगा कि कैसा लगता है।
इतना सब सुनकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया, मैंने उठने का बहाना किया। तभी उन दोनों ने अपनी बात पलट दी और उसकी बहन मेरे पास आ कर मुझे चूमने लगी।
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैं भी उसे चूमने लगा इतने में राज आया और मेरी पैंट में हाथ डालकर मेरा लौड़ा निकलने लगा।
लौड़ा पूरा खड़ा था और वो चूसने लगा।
आआआआआआअ............ .........हहहहः क्या मजा आ रहा था !
फिर मैंने अपनी पिचकारी उसके मुँह में ही छोड़ दी और बिस्तर पर से उठ गया।
मैंने मुँह धोया।
उसकी दीदी बोली- मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बनाती हूँ !
मैंने कहा- मैं घर जाकर कर लूँगा !
तो उसने कहा- मुझे और चुदवाना है ! और ऐसा मोका बार बार नहीं मिलेगा !
तभी मैंने घर पर फ़ोन किया। पापा ने फोन उठाया, मैंने बोला- पापा, राज की तबीयत थोड़ी ख़राब है तो मैं यहीं पर रुकूँगा और आज स्कूल नहीं जा पाऊँगा।
तो उन्होंने कहा- ठीक है !
मुझे मन ही मन खुशी हो रही थी कि आज फिर से दोनों भाई बहन की गाण्ड मारने मिलेगी।
मैं और राज नहाने जाने के लिए अपने कपड़े उतार रहे थे और उसकी बहन रसोई में नाश्ता बना रही थी।
हम घर में अकेले थे इसलिए दरवाजा खुला रख कर ही पूरे नंगे होकर नहा रहे थे। मैंने राज को और राज ने मुझे नहलाना शुरू किया। उसने मेरा लौड़ा पकड़ लिया मैंने भी उसका लौड़ा पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगा। हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे। करीब 15 मिनट से हम ऐसे ही कर रहे थे। तभी उसकी बहन आई और बाहर से बोली- नाश्ता लग गया है, चलो !
उसकी बहन को भी नहाना बाकी था तभी मैंने उसकी बहन को अन्दर खीच लिया और उसने गाउन पहन हुआ था तो वो पूरा गीला हो गया, उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था, गीले गाऊन के कारण उसके चूचे दिख रहे थे मेरी तो नजर वहीं पर रुक गई और मैं उनको पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा, जितना जोर से हो सका, उतना जोर से दबाता रहा ! वो चिल्लाती रही- आ..आ..आ....आ आआ...आआ..आअ........हाह्हह्हहहा ! मुझे छोड़ दो ! दर्द हो रहा है !
पर मैंने नहीं छोड़ा. फिर मैंने उसकी चुम्मी ले ली और उसे नंगा कर दिया।
तब हम तीनों नंगे खड़े थे और एक दूसरे को चूम रहे थे।
मैंने उसे नीचे झुका कर अपना लौड़ा चुसवाना शुरू किया और राज को कहा- तू अपनी बहन की गाण्ड मार !
तो वो मना करने लगा। तो उसकी बहन ने कहा- लौड़े की दुम ! चुदवाता ही रहेगा या चोदेगा भी कभी? आ जा ! मेरी मार आज ! जम के मारना !
राज, मैं और उसकी बहन बाथरूम से बाहर आये और एक दूसरे का बदन पौंछा और बिस्तर पर चले गए। पिछली रात को मैं जो तीन निरोध लेकर आया था, एक पिछली रात को उपयोग किया था और दो शेष थे।
एक मुझे उसकी बहन ने पहनाया और एक राज को पहनाया। दोनों चॉकलेट स्वाद के थे तो अब वो मेरा लौड़ा अच्छे से चूस रही थी, मुझे मजा आ रहा था। राज उसकी चूत चाट रहा था।
कुछ देर के बाद राज मेरा लौड़ा लेने लगा और वो राज का लौड़ा !
मेरा लौड़ा गीला हो गया तो राज लेट गया और उसकी बहन उसके लौड़े पर बैठ गई। वो मेरा लौड़ा चूसे जा रही थी और धीरे-धीरे उसके लौड़े पर बैठ रही थी। उसकी आवाज नहीं आ रही थी क्योंकि उसने मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले रखा था।
इस बीच उसने मेरा लौड़ा निकाला अपने मुँह से और राज को चूमने लगी। राज भी उसे अच्छे से चोद रहा था।
मैंने उसके चूचो को चुसना शुरू किया फिर थोड़ी देर के बाद उसके मुँह में फिर से लौड़ा घुसा दिया।
मैं सोच रहा था कि साले दोनों भाई बहन कैसे योजना बना रहे हैं सुबह से मुझे दर्द महसूस करवाने का कि देख कैसे दर्द होता है गाण्ड मरवाने में !
मैं उठा और उसकी गाण्ड में जाकर अपना लौड़ा डाल दिया।
वो दर्द से चीख उठी क्योंकि उसने कभी भी दो लण्ड एक साथ नहीं लिए थे। मैं जोर जोर से झटके मार रहा था और उसकी गाण्ड से खून निकलने लगा था, शायद उसकी गाण्ड फट गई थी क्योंकि उसकी गाण्ड में मैंने एकदम से लौड़ा डाल दिया था इसलिए वो चिल्लाती रही- ऊऊ ...आआ ....ऊउ.....ह्ह्ह.......मैं....मर.....जाऊँगी.... .ई.ईई....ईईइ..प्प्ल......ल्ज्ज. ...ओह...मैं.....मर.....जाऊँगी....... प्ल्ज़......गोड.....आआ.....ऊउ...ह्ह्ह.....
और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे पर मैं अपनी धुन में उसे पूरी तेजी से चोदता रहा, वो चीखती रही, रोती रही।
राज ने अपना लौड़ा निकला और उसके मुंह में दे दिया। मैं उसकी गाण्ड पर ही वार किये जा रहा था। राज उसके मुंह में झड़ गया, मैंने लौड़ा बाहर निकाला और निरोध हटा दिया। मैंने फिर से उसकी गाण्ड में लौड़ा डाल कर उसकी चुदाई की, लौड़ा बार बार निकाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।
फिर उसे गोद में लेकर चोदने लगा पर उसका वजन ज्यादा होने के कारण ज्यादा देर तक नहीं चोद पाया, उसे बिस्तर पर लेटा कर दोनों पैर अपने कंधों पर रख कर चोदता रहा।
मैंने आज उसकी चूत नहीं मारी केवल गाण्ड मारता रहा
फिर मैं झड़ने वाला था, वो भी पानी छोड़ चुकी थी पर मैं उसे चोदता रहा जोर जोर से और झड़ गया।
राज का लौड़ा फिर से तैयार हो गया था तो मैंने अपना लौड़ा निकाला तो राज उस पर चढ़ गया और चोदने लगा।
मैं आगे उसके चेहरे के पास गया तो देखा कि वो रो रही थी।
मैंने उसको चूमा और लौड़ा उसके मुँह में दे दिया। मेरा लौड़ा फिर तैयार हो गया था। मैं उठा और उसके मुँह में जोर जोर से लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा। एक बार तो पूरा ही अन्दर डाल दिया तो वो तड़प गई तो मैंने निकाल लिया।
फ़िर मैं उठ कर राज के पीछे गया, राज अपनी दीदी को चोद रहा था, मैंने उसकी गाण्ड चाटना शुरू किया, उसे अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली करना शुरू किया। उसका छेद जैसे ही खुला, मैंने लौड़ा उसकी गाण्ड में डाल दिया। वो अपनी बहन को और मैं उसको चोद रहा था।
कुछ देर में वो झड़ने वाला था, मैं भी चोदता रहा और वो झड़ गया, उसकी गाण्ड को मैं चोद रहा था, उसकी बहन और वो दोनों चिल्ला रहे थे- चोदो... आआअ....... ऊऊउ..... आअ..... ऊ....... ओ हू होहह.......जोर से ! जोर से !
मैं चोदता रहा।
फिर मैंने लौड़ा उसकी गाण्ड से निकाला, वो उठा तो मैंने फिर से उसकी बहन की गाण्ड में ही अपना लौड़ा डाल दिया।वो फिर से रोने लगी- मत करो प्लीज़ ! अब तो मुझे छोड़ दो ! प्लीज़ !
मैं चोदता रहा पर अचानक पीछे से राज मेरी गाण्ड चाटने लगा। मुझे मजा आ रहा था, वो चाटता रहा। और अचानक उसने मेरी गाण्ड में उंगली डाल दी। मैं दर्द के मारे धीरे हो गया क्योंकि पहली बार किसी ने मेरी गाण्ड में उंगली की थी वरना मैं ही करता था। वो उंगली अन्दर-बाहर करने लगा। मुझे दर्द हो रहा था, मेरे मुँह से आवाज निकल रही थी- आआ.....ऊऊऊ........
आआ...इसे निकालो !
पर उसने मेरी एक ना सुनी। मैं भी उसकी बहन को जोर जोर से घस्से मारने लगा तो प्रतिउत्तर में उसने दो उंगलियाँ डाल दी। मेरा दर्द बढ़ गया और मेरे मुंह से और उसकी दीदी के मुँह से आवाजें निकलती रही।
मैं उसकी गाण्ड में ही दूसरी बार भी झड़ लिया और जैसे ही मैं उठा, उसने उंगली निकाल ली। मुझे बहुत दर्द हो रहा था पर मजा तो तब आया जब राज की दीदी की गाण्ड से खून के साथ साथ तीन बार मरी गाण्ड का माल निकला। दो बार मैंने छोड़ा था उसकी गाण्ड में और एक बार उसके भाई राज ने छोड़ा था !
क्या मस्त धार निकली थी ! उसकी गाण्ड पूरी तरह से हमारे माल से भर गई थी और मोटी हो गई थी, अब सारा माल बाहर आ रहा था और राज उसे चाट रहा था।
मैं अपना लौड़ा पकड़ कर हिला रहा था। इस तरह मेरी भी गाण्ड मरी !
मैंने इन लोगों की नाश्ता करने के बाद भी मारी और रात को भी मारी पर रात में मजा दुगना हो गया था !
वो कैसे?
वो अगली कहानी में ....
No comments:
Post a Comment