Friday 29 July 2011

बहन का नग्नतावाद से परिचय-2

बहन का नग्नतावाद से परिचय-2

"देखो, आपने पक्का फ़ैसला कर लिया है? मेरा मतलब है अगर तुम आओ तो मुझे बिल्कुल आपत्ति नहीं है, लेकिन यह एक नग्न रीसोर्ट है, और हम सभी पूरे सप्ताह नग्न ही रहेंगे !"
"तुम नंगे रहोगे, मैं नहीं ! वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से कपड़ों का विकल्प बताया है। तो मैं कपड़ों का विकल्प चुनती हूँ ही… ही… !"
"ठीक है, यह तुम पर है, लेकिन तैयार रहना ! बाकी सब ज्यादातर नग्न ही रहेंगे।"
"ठीक है, मैं देखूंगी वैसे भी ! क्या तुम मुझे हवाई अड्डे लेने के लिए आओगे?"
"ज़रूर ! यदि तुम आओ, मुझे यकीन है कि तुम आओगी।"
"साथ क्या सामान लाने की जरूरत है?"
मैंने उसे समझाया कि केबिन पूरी तरह से सुसज्जित होगा और मैं भोजन और पेय प्रदान करूंगा, सिर्फ उसे अनिवार्य सामान लाने की जरूरत है, और एक अच्छे आकार का समुद्रतट का तौलिया चाहिए होगा।
"और कपड़े?" उसने पूछा।
तुम्हारे ऊपर है,"मैंने कहा," मैं आमतौर पर कम से कम ले जाता हूँ, कपड़ों का एक सेट रास्ते पर पहनने के लिए और वापिसी में पहनने के लिए और शायद एक स्वेटर अगर मौसम ठंडा हो जाता है। यदि आप कपड़े पहनना चाहती हैं तो सिर्फ आरामदायक कपड़े लाईये और एक जोड़ी मजबूत जूते, हम झाड़ियों आदि में घूमने जाना चाहें तो पहनने होगें।"
बाद में मैंने करेन के प्रस्ताव के बारे में अपनी पत्नी से कहा। उसने सोचा कि यह एक बड़ी बात है और मेरे साथ सहमत थी कि करेन आखिरी समय में पीछे हट जएगी।
"लेकिन अगर वह जाती है तो?" मैंने पूछा।
"अगर वह जाती है, तो आप अपनी छुट्टी मना पायेंगे और मैं घर आने पर पति के गुस्से से बच जाउंगी !" वह हँसी।
अगला सप्ताह बीत गया। रविवार को अपनी पत्नी को यात्रा के लिए हवाई अड्डे पर छोड़ फिर मैं घर के आस-पास रहा और कुछ काम खत्म किया। और ऑनलाइन होने से पहले एक बियर के साथ बैठ कर निर्णय लेने लगा कि रिसॉर्ट में देखने के लिये मैं कौन सी डीवीडी ले जाऊँगा (वहां कोई टीवी नहीं है - अच्छी और बुरी बात दोनों है, अपने मूड के आधार पर)
मैंने लैपटॉप हार्ड ड्राइव पर बहुत सी फिल्में डाली। जब करेन ने स्कायपी पर मुझे फिर से बज़ किया और वो वेबकैम पर दिखने लगी तो मैं नग्न था लेकिन केवल कमर से ऊपर दिख रहा था।
"मैं 7:45 सुबह पहुंच रही हूँ, तुम वहाँ मुझे मिल जाओगे?"
"मैं एयरपोर्ट पर आऊंगा आपको लेने !"
"और हाँ, वहाँ कोई टीवी नहीं है तो मैं लैपटॉप पर कुछ फिल्में देखने के लिए ले जा रहा हूँ, आपकी कोई पसंद?"
"नहीं, कुछ भी ठीक है। और मेरे पास कुछ पढ़ने के लिए किताबें हैं।"
"अच्छा है। वहाँ भी एक छोटा सा पुस्तकालय है वहाँ अगर तुम जाना चाहो।
मेरा ध्यान उसके नंगे कंधों पर गया !
क्या वह भी नंगी बैठी थी?
नहीं, यह नहीं हो सकता !
"अरे बहन, क्या आप भी वहां प्रदर्शन करने जा रही हैं?" मैंने पूछा।
"क्या?"
"मेरा मतलब है, क्या आप अभी नग्न हैं?"
"बेवकूफ मत बनो?" वह हँसी, खड़े होकर उसने सेरोंज वस्र, जो अपने चारों ओर लपेटा था, दिखाया,"मैं यहाँ नग्न बैठ सकती हूँ जब जेम्स अगले कमरे में बैठा है.."
"ओह ठीक है।" मैंने कहा और मुझे याद आया कि उसका पति कितना रूढ़िवादी है,"क्या वह जानता है हम कहाँ जा रहे हैं?"
"नहीं, वह नहीं जानता है। मैं आपके साथ केम्पिंग पर जा रही हूँ इतना ही जानता है। शायद मैं उसे वापस आने पर बता दूंगी।
उसने बात बदली,"क्या आपको लगता है कि मेरे पोशाक रिसोर्ट के लिए ठीक है?"
मैंने उससे कहा कि यह ठीक लग रहा है, लेकिन रिसॉर्ट में किसी ने क्या पहन रखा है कोई इसकी परवाह नहीं करता है। लेकिन वह उस में अच्छी लग रही थी। करेन मुझसे 6 साल बड़ी है, वह और मैं एक ही उम्र के लगते हैं। मैं पतला और गोरा हूँ, वह काले बालों वाली और कुछ हद तक गोल मटोल लगती है। उसके बडे कठोर नितंब उसके हिंदेशियन वस्त्र को खींच रहे थे और वह बैठी तो उसके हिंदेशियन वस्त्र के ऊपर से उसके वक्ष दिख रहे थे...। मुझे एहसास हुआ कि मेरे लिंग मेरी गोद से उठ रहा था।
मैं अपने डेस्क के करीब चिपक गया इस यकीन से कि यह वेबकैम पर नहीं देखा जा सकता है।
"तुमसे सुबह में मिलते हैं छोटे भाई !"उसने कहा और हमेशा की तरह वेबकैम पर झुक कर चुंबन के रूप में विश किया। मैने सांचा कि कल बहुत कुछ देखने को मिलेगा।
मैंने वह रात असहज बिताई।
अगले दिन मैंने करेन को और उसके बड़े सूटकेस को हवाई अड्डे से लिया और हम सीधे फ्रीवे पर हमारे रिसोर्ट के रास्ते पर चल दिये। जब हम खुली सड़क पर आये तो हम कहाँ जा रहे हैं। इस बात को छोड़ कर हमने सब के बारे में बातें की। सूरज निकल रहा था, इस तरफ अभी भी गर्मी थी। करेन इस सड़क पर से पहले नहीं गई थी और उसके लिए यह सब नया था। हम रिसोर्ट की तरफ मुड़ने से पहले एक शॉपिंग सेंटर में रूके। मैंने करेन को अपना कार्ड दिया और पिन नंबर और उससे कहा कि सुपरमार्केट से भोजन तैयार करने के लिए एक सप्ताह या उससे अधिक समय के लिये सामान ले ले। और मैं शराब की दुकान पर अन्य आवश्यक सामान लेने गया।
"आपके लिए क्या पेय लूं इन दिनों के लिए?" मैंने पूछा।
"ओह, स्थानीय शराब अगर उनके पास हो !"उसने कहा,"और अगर हो तो कुछ मकई की शराब?"
मैं इन दिनों बहुत नहीं पीता था, लेकिन जहाँ हम जा रहे हैं वहाँ कुछ तेज शराब की जरूरत हो सकती थी।
उसने मुझे देखा और सुपरमार्केट की तरफ बढ़ गई।
मैंने उसे जाते देखा, मुझे महसूस हुआ कि हमारे सभी भाई बहन में हम दोनों हमेशा एक जैसे रहे हैं, हम दोनों हमेशा एक ही विचारधारा पर होते हैं और एक दूसरे को दूसरों की तुलना में अधिक समझते हैं।
करेन ने जींस और एक ढीला-ढाला आसमानी नीला ब्लाउज पहन रखा था। और जैसा कि मैंने उसे चलते देखा, मैं सोच रहा था कि वह स्नान सूट में कैसी दिखेगी।
"यह विचार कहाँ से आ रहा है?" मैंने सोचा, और यह मेरे दिमाग से निकाल कर खरीदारी में लग गया।
सुबह 10:30 और हम सड़क पर वापस आ गये थे और इत्मीनान से धीमी गति से गंदी सड़क पर पहाड़ियों के बीच से घुमावदार सडक पर रिज़ॉर्ट की तरफ़ बढ़ रहे थे।
"और कितना आगे?" करेन ने कहा।
"इस धूल भरे गंदे रास्ते के साथ वो बड़ा पेड़ देख रही हो?" मैंने कहा,"हम गेट पर लगभग आ रहे हैं, तुम्हारे लिए निर्णय बदलने के लिए आखिरी मौका है।"
उसने कहा,"मैं इसके लिये इतनी दूर आई हूँ, तो क्या अब मैं पीछे हटूँगी? मैं सिर्फ एक बात पूछना चाहती हूँ...."
"क्या?"
"अगर मुझे लगे कि यहाँ बहुत अधिक नग्नता है, तो क्या मैं बस केबिन में रह सकती हूँ? और किसी को न देखूँ?"
"ज़रूर ! तुम ऐसा कर सकती हो।" मैंने कहा,"लेकिन सुनो, अगर तुम सच में वहाँ किसी भी समय असहज महसूस करो तो मुझे सिर्फ कह देना और हम पैक करके घर चले जायेंगे, ठीक है?"
मैंने कहा,"मैं एक नग्नतावादी हूँ, लेकिन मुझे पता है कि यह सबके लिए नहीं है। अगर यह तुम्हें सही नहीं लगे तो हम इसे छोड़ सकते हैं।"
करेन ने मेरे बाल सहलाये,"तुम मेरे प्यारे छोटे भाई हो, धन्यवाद।"
अब तक, हम मुख्य कार पार्क में आ गये थे। नदी के किनारे घाटी में झाड़ियों में 40 के करीब केबिन थे, स्वागत और मुख्य कार्यालय पूल क्षेत्र के बाद था, और यह क्षेत्र एवम् पूल क्षेत्र कार पार्क की तुलना में अधिक उंचाई पर थे। हम जहाँ थे, वहाँ से किसी को नहीं देख सकते थे, हालांकि हँसी और पानी छलकने की आवाज़ हमारे लिए नीचे आ रही थी, पीछे देखने के आईने में मैंने एक अधेड़ दम्पत्ति को अपने केबिन से पूल की ओर जाते देखा।
करेन ने पीछे मुड़कर देखा और मोड़ पर मुड़ते हुए सिर्फ उनके नग्न चूतड़ दिखे।
उसने कहा,"ठीक है ! मैंने इससे पहले भी न्युडिस्ट देखे हैं।"
"तुमने कुछ भी अभी तक नहीं देखा है !" मैंने कहा,"मैं साईन करने के लिए जा रहा हूँ, तुम आओगी मेरे साथ?"
"हम्म्म्म ! मैं यहाँ इंतजार करूंगी, अगर मेरा आना जरूरी नहीं तो !"उसने कहा।
मैं कार्यालय में गया और साइन इन करके चाबी ले ली। वहाँ करीब एक दर्जन लोगों की एक बहुत सामान्य भीड़ पूल के आसपास दिन के समय आराम कर रही थी, लेकिन मैंने किसी परिचित को नहीं देखा और वहाँ नहीं रूका।
कार में वापस आकर अपनी बहन को शिविर से परिचित कराने के लिए मैंने ले-आउट के साथ एक धीमी ड्राइव लेने का फैसला किया। मैंने छोटे मानचित्र, जो कार्यालय से मिला था, की मदद से उसे स्नान ब्लॉक और नदी से नीचे शिविर का मैदान दिखाया । यहाँ और वहाँ हमने नग्न लोगों या जोड़ों को देखा, लेकिन एक दूरी से।
करेन ने सब कुछ चारों ओर देखा, यहां तक कि जब हम वापस आ रहे थे उसने एक नग्न व्यक्ति को जो सड़क के किनारे पर अपने टूरिस्ट कोटेज में बैठा हुआ था को हाथ लहराया। वो हम से कुछ ही मीटर दूर था और पैर खुले रख कर वह मेरी बहन के सामने पूरी तरह प्रदर्शन कर रहा था जब हम धीमी ड्राईव कर रहे थे।
"सब कुछ ठीक है?" मैंने उससे पूछा।
"हां। अब तक !" उसने उत्तर दिया," लेकिन यह वैसा नहीं जैसा मैंने सोचा था।"
"ओह किस तरह?"
वह हँसी,"मैं कल्पना कर रही थी कि पोर्न स्टार या सुपरमॉडल प्रकार के बहुत सारे लोग यहाँ होंगे, लेकिन जैसा कि आप मुझे बताया था, वे सब सिर्फ सामान्य लोग हैं।"
"निराश हो यह देख कर?" मैंने छेड़ा।
"नहीं, कुछ राहत मिली है !"उसने जवाब दिया,"अब मैं बहुत कम दबाव महसूस कर रही हूँ !"
उसने वाक्य अधूरा छोड़ दिया और मैंने उसे मजबूर नहीं किया। इसके बजाय मैंने कार चलाई और हमारे केबिन के पास खड़ी कर दी।
"हम पहुँच गए अपने केबिन पर !"
केबिन पूल क्षेत्र से केवल 100 मीटर की दूरी पर था, एक अच्छा सा छोटा सा पोर्च और नदी के दृश्य के साथ। बहन ने उसे नक्शे पर पहचाना और सराहना से सिर हिलाया।
"अच्छा है !"
मैं पहले से ही कार से बाहर था और पोर्च पर सामान रख रहा था। मैंने उसे दरवाजा की चाबी फेंक कर दी और उससे कहा कि चेक करें कि फ्रिज चल रहा है या नही !
मैने कहा,"तभी ठंडी बीयर मिलगी।"
करेन पोर्च तक गई और छोटे से लकड़ी के केबिन में गायब हो गई जबकि मैंने कार से सामान उतारना जारी रखा। मैं सिर्फ बीयर के एक डिब्बे को लेकर दरवाजे की ओर बढ़ा।
जब वह बाहर आई,"टिम !" उसने कहा,"यहाँ केवल एक बेडरूम है !"
मैंने उत्तर दिया,"केबिन अधिकांश ऐसे ही होते हैं, एक रहने का, एक खाने का कमरा और एक बेडरूम ! मैंने कभी नहीं सोचा कि यहाँ दो बेडरूम का केबिन भी हो सकता है !
"अरे कोई समस्या नहीं !" मैंने कहा, सोफा एक फोल्डिंग बिस्तर है। "तुम उस पर आराम से रहोगी !" मैं मुस्कुरा दिया।
फिर भी वह संदिग्ध लग रही थी।
"मैं मजाक कर रहा था !" मैंने कहा। "तुम बेडरूम ले लो, मैं सोफा ले लेता हूँ, कोई बड़ी बात नहीं.."
हमने 20 मिनट सामान रखने में और संवारने में बिताए, अंत में मैं दोपहर के भोजन पूर्व एक ठंडी बीयर लेने और बरामदे पर ठंडक लेने के लिए चला गया।
करेन ने छोटे रसोईघर से मुझे देखा,"ठीक है, मुझे लगता है कि मैं अपने कमरे में जाऊँ और कपड़े बदल लूँ और मुझे लगता है तुम भी...."
"आ हाँ !" मैंने कहा, "सच्चाई का सामना करने के क्षण हैं करेन ! मैं सोच रहा हूँ कि तुम इसे संभाल सकती हो या नही ?"
वह मुझे घूर रही थी, जैसे उसे किसी प्रकार के स्ट्रिपटीज़ जैसे कुछ की उम्मीद ने परेशान कर रखा हो,"तुम बताओ क्या है?"
मैंने कहा,"तुम कपड़े बदल आओ, मैं बरामदे में बैठ कर एक बीयर लेता हूँ ! और हाँ ! जब तुम तैयार हो कर बाहर आओगी तब तक मैं नग्न हो चुका हूँगा ! अब जैसे तुम ठीक समझो !"
उसने अपने को शान्त दिखाते हुए कहा,"धन्यवाद टिम !"
उसके बाद क्या हुआ?...क्या करेन न्यूडिस्ट बन पाई?..क्या उसे यह सब अच्छा लगने लगा था?...क्या करेन के मेरे साथ सम्बन्ध बने?...आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़ें कहानी का अगला भाग ! कई भागों में समाप्य !

 

स्कूल का टूअर

स्कूल का टूअर

मैं दिखने में स्मार्ट लगता हूँ और कोई भी जवान लड़का मुझे देखे तो मेरी गाण्ड मारने के लिए बेताब हो जाये।
अब आप ही सोचो कि मै कैसा लगता हूंगा !
यह बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। तब मेरी उम्र थी 18 साल और कद 5'.8"
हमारे स्कूल का टूर जयपुर गया था, मैं भी अपने दोस्तों के साथ गया था। जनवरी का महीना था, बहुत ठण्ड थी।
हम जयपुर में घूम-फिर रहे थे कि बीयर पीने का मूड बन गया और हमने एक एक बीयर पी ली। हमें नशा हो चुका था और मज़ा भी आ रहा था।
जब रात को सोने का वक्त हुआ तो मैं और मेरा दोस्त राकेश हम दोनों एक कमरे में चले गए।
हम दोनों सो गए थे कि मैंने देखा कि थोड़ी देर में राकेश ने मेरे ऊपर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे अपना हाथ मेरे शारीर पर फिराने लगा। मुझे गुदगुदी होने लगी, मैंने उसे मना भी किया परन्तु मेरे मना करने पर उसने और भी ज्यादा करना शुरू कर दिया।
फिर मुझे भी मज़ा आने लगा, मैं भी उसे मना नहीं कर पाया और मै भी उससे वैसे ही करने लगा।
फिर मेरा 9" का लंड खड़ा होने लगा और उफान मार रहा था। उसने मेरे लंड को पकड़ा और आगे-पीछे करने लगा।
मुझे भी मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे कपड़े उतार दिए।
अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और एक दूसरे के लण्डों को सहला रहे थे। फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और वो मज़े से चूसने लगा।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर में मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया और वो सारा का सारा वीर्य पी गया मज़े से !
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गांड उचकाई और अपना लंड उसकी गांड के छेद पर लगा दिया।
उसने मना किया पर मैंने कहा- बहुत मजा आयेगा !
वो मान गया और मैंने तेल की शीशी में से थोड़ा सा तेल उसकी गांड पर लगा दिया फिर एक झटके में मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में समां गया।
इतने से ही उसकी चीख निकल गई- आ आ आ आ मर गया छोड़ दे मुझे !
पर मै नहीं माना, मैंने एक और झटके में पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया। उसकी गांड से खून निकल रहा था।
वो यह देख कर डर गया, मैंने उसे तसल्ली दी और कहा- ऐसा तो होता है पहली बार में !
फिर उस दिन के बाद जब भी मेरा गांड मरने का मन करता है, मैं राकेश के पास जाता हूँ या उसे बुला लेता हूँ, फिर पूरा आनंद उठाता हूँ।

 

Saturday 23 July 2011

मुंबई में आकर

मुंबई में आकर

मेरी तरफ से आप सभी को मेरी मीठी बुर का सलाम !
मैं रूपा, मेरी यह पहली कहानी है। आप सब ध्यान से दिल थाम कर और लण्ड पकड़ कर पढ़िए।
मैं गाँव से मैट्रिक पास करने के बाद मुंबई अपने चाचा के पास आगे पढ़ाई के लिए आ गई थी। वो उस समय बोरीवली में रहते थे, सो मैं उनके यहाँ आ गई। वहाँ उनका पूरा परिवार था, मेरी चाची और मेरी एक छोटी बहन जो अभी दसवीं में थी।
मेरा दाखिला ठाकुर कॉलेज में हो गया और मैं कॉलेज जाने लगी जो मुंबई में मेरे लिए बिलकुल नई जगह थी।
थोड़े दिनों में वहाँ सबसे मेरी दोस्ती मेरी हो गई और मैं खुश थी।
एक दिन जब मैं घर लौटी तो देखा कि मेरे कॉलेज का एक दोस्त विकास मेरे यहाँ बैठा चाय पी रहा था।
उसने मुझे देख कर चाचा से पूछा तो चाचा ने उसे बताया कि मैं उनकी भतीजी हूँ।
बाद में मुझे मालूम पड़ा कि वो भी हमारी गाँव का ही है और किराये पर कमरा लेने के लिए आया था और चाचा जी ने उसे एक कमरा दे डाला था।
अब वो रहने के लिए तो आ गया उसकी नज़रे बराबर मेरे और बहन शिल्पी के ऊपर टिकी रहती थी, कॉलेज में भी वो मेरे काफी नजदीक आ गया था, वो मेरी शरीर का दीवाना हो गया था। 

दोस्तो, आपको मैं यह तो बताना भूल गई कि उस समय मेरी उम्र 19 साल और बदन भरा-पूरा और कामुक था।
मुझे भी मुंबई में आकर कुछ गुदगुदी होती थी और कभी कभी चाचा-चाची को एक साथ रात में रासलीला करते देख अपनी चूत में उंगली मार लेती थी।
यह बात शिल्पा को भी मालूम थी क्योंकि हम दोनों हाल में ही सोते थे और विकास का एक अलग कमरा था और चाची का भी।
हम दोनो रात में मस्ती करते थे।
एक रात मैं टॉयलेट जा रही थी तो देखा कि विकास के कमरे का दरवाजा खुला है और वो सपने में ही अपने लण्ड को मसल रहा था।
यह देख कर मेरे भी बदन में आग लग गई और मैं चुदासी हो उठी और उसके कमरे में जाकर उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
फिर मैंने चाचा की आहट सुनी तो वहाँ से भाग कर बाथरूम में जाकर उंगली की और पूरा माल बाहर निकाला। आज ज्यादा ही मजा आया था लेकिन मेरा दिल तो चुदने के लिए उफन रहा था।
कैसे भी रात को मैं सो गई।
दो दिन बाद अंकल को परिवार के साथ पिकनिक पर गोआ जाना था। मुझे भी चलने के कहा चाचा ने लेकिन मैं पढ़ाई के बहाने नहीं गई। वो लोग पाँच दिन के टूअर-पैक में गए थे।
अब तो मैं इंतजार कर रही थी विकास का ! शायद वो भी इसी इंतजार में था !
अगले दिन सुबह विकास ने मुझे कहा- मेरी तबियत ठीक नहीं है, मेरे लिए भी नाश्ता बना दे।
मैंने नाश्ता तैयार किया, जब मैं देने गई तो उसको देखा कि वो तो किसी नंगी लड़की से चैट कर रहा था।
मैं नाश्ता रखकर तुरन्त वहाँ से भागी और गाउन पहन कर आ गई। वो मुझे देखकर पागल हो गया और तुरंत ही मुझे चूमने लगा।
वो मस्त होकर से मेरे मम्मों को दबाता जा रहा था। थोड़ी देर में मैं हवा की सैर करने लगी क्योंकि बाद में उसने मेरा गाऊन उतार कर मेरे मम्मों से दूध पीना शुरू कर दिया।
अब तो मैं मस्ती में पागल हुई जा रही थी क्योंकि 69 की अवस्था में आकर उसने मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी थी। मैं क्या करती, वो मुझे कहे जा रहा था लण्ड मुंह में लेने को !
मैंने भी उसका त्ना हुआ लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
थोड़ी देर में उसका लण्ड मेरे बुर को चीर कर अन्दर जा चुका था और बाद में दो घंटे तक चुदाई कार्यक्रम चला। इन दो घण्टों में हमने तीन बार चुदाई की।
मैंने कॉलेज जाना छोड़कर पाँच दिन घर में सेक्स-कॉलेज चलाया।
बाद में चाचा-चाची के आने के बाद भी रात को सेक्स क्लास लगती ही रही।